दिल की आरज़ू

शीर्षक -दिल की आरज़ू

हरपल रहूँ तेरे आस-पास,
है दिल की आरजू।
मेरे नाम में तेरा नाम हो,
नहीं दूजी कोई जुस्तजू।।

मेरे सीने में धड़कता है,
सांस बनकर के वो।
है ख़ुदी में समाया,
आस पलकर के वो।

है इल्तिज़ा रब से ,
पलकें नम हो न कभी।
पल जो हैं खुशियों के,
उनके कम हो न कभी।।

उनके पहलू में दम ये निकले मेरा,
जुदा हों न मेरा प्यार मुझसे मेरा।
आखिरी सांस तक उनकी होके रहूँ,
कभी टूटे न मुझसे ये रिश्ता तेरा।।

-शालिनी मिश्रा तिवारी
( बहराइच,उ०प्र० )

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