अस्तित्व

 मेरा होना न होना एक जैसा

होने में न होने का एहसास

फिर भी

चलती है जिंदगी निर्बाध

किसी अनदेखे मुकाम की तरफ

मालूम है

है कुछ भी नहीं

मिलेगा कुछ भी नहीं

फिर भी 

जाना तो पड़ेगा

-शालिनी मिश्रा तिवारी

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