माँ चन्द्रघंटा स्तुति

तृतीयं स्वरूप चन्द्रघंटा माँ
मांगू ये वरदान
जगजननी माँ जग कल्याणी
कर दो जग कल्याण
कोरोना महामारी का
कर दो दूर अँधेरा
बंदी बन सब बैठे हैं
हो जाए सबका सवेरा
शक्ति स्वरूपा चन्द्रघंटा माँ
स्वर्ण सा चमके रूप
सौम्य शीलता की तुम मूरत
कर दो निरोग की धूप
अपनी निधि से सबको कर दो
माँ तू मालामाल
स्वस्थ कामनापूरित जीवन हो
हो जाये सब जन निहाल
रौंद कुचल दो दस हाथों से
कोरोना माहमारी
अपने तेज वेग से पधारों
करके सिंह सवारी
केसर मीठा भोग लगाऊँ
कर दो ये उपकार
कोई रहे न भूखा-प्यासा
कर दो संकट पर वार।।

-शालिनी मिश्रा तिवारी
( बहराइच,उ०प्र० )

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